एक मुक्तक…
१२२२ १२२२ १२२२ १२२२
कृपा करना अहोई माँ, वरद निज हस्त सर रखना।
न करना कोप संतति पर, न माँ टेढ़ी नजर रखना।
अगर दुख दे हमें देना, न पाएँ कष्ट संतानें,
सभी खुशियाँ उन्हें देना, न माँ कोई कसर रखना।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)
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कृपा करना अहोई माँ, वरद निज हस्त सर रखना।
न करना कोप संतति पर, न माँ टेढ़ी नजर रखना।
अगर दुख दे हमें देना, न पाएँ कष्ट संतानें,
सभी खुशियाँ उन्हें देना, न माँ कोई कसर रखना।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)