एक मुक्तक –आर के रस्तोगी
घर घर दीपक जलाना है हमे |
हौशले के साथ बढ़ते जाना है हमे ||
रोक सके न कोई हमे इस डगर से |
केवल कोरोना को हराना है हमे ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम
घर घर दीपक जलाना है हमे |
हौशले के साथ बढ़ते जाना है हमे ||
रोक सके न कोई हमे इस डगर से |
केवल कोरोना को हराना है हमे ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम