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28 Nov 2021 · 1 min read

एक महाकवि अलबेला सा : नीरज

एक महाकवि अलबेला सा ,

गाता था मधुर -मधुर गान ,

अपनी कलम का कुशल चितेरा ,

गीतों में भरता था ऐसी जान .

हर भाव को छूता ,हर आह को छूता ,

दिल से ,रूह से नहीं था अनजान .

साहित्य के वट-वृक्षों से नयी फसलों तक ,

किया एक सशक्त सेतु का उसने निर्माण.

किसी की प्रेरणा ,तो किसी का रहनुमा ,

किया मार्गदर्शनऔर दिया अनमोल ज्ञान.

हिंदी-उर्दू का मेल करवाने वाला ,साहित्य -प्रेमी ,

साहित्य -मर्मज्ञ नीरज महाकवि था महान .

साहित्य -प्रेमियों ,अपने पुजारियों को छोड़ ,

अनंत में लीन हो गया छोड़ अपने क़दमों के निशान .

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 213 Views
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