पढ़ाई-लिखाई एक बोझ
आप हम विद्यार्थियों के लिए
पढ़ाई – लिखाई लगती गुत्थी
चित्त करता पढ़ने को ना हमें
पढ़ाई – लिखाई लगता जवाल ।
पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी पाना
ज्यादातर जनक के होते हैं ख्वाब
विद्यार्थियों पर बन जाता गजबाँक
जिससे पढ़ाई-लिखाई लगता खीसा ।
जो निरंतर करता पढ़ाई – लिखाई
उसको न होती जल्दी कोई गिरह
जब छोड़ – भाग के पढ़ते है हम
तो पढ़ाई – लिखाई बनता दुश्कर ।
पढ़ाई – लिखाई से होते हम विद्वान
विद्वान होने पर ! हम अपना जीवन
कैसे अच्छा जीये ? का चलता पताह
पढ़ाई -लिखाई आज-कल श्रेष्ठ जग में ।
लेखक :- अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार