एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
जिंदगी की हार है आज भी दिल में मेरे
मुझसे पुछोगे अगर तो मैं कहूँगा बस यही
खुद से गिले दो-चार है आज भी दिल में मेरे
रास्तों पर मैं अकेला चल सकूंगा या नहीं
सोचना बेकार है सब आज भी दिल में मेरे
कोई कहे मुझसे अगर हमसफ़र बन जाऊँगा
तो भी बस इन्कार है आज भी दिल में मेरे
मैं कहाँ जाऊँगा ये तो खुद नहीं मैं जानता
बिखरा सा संसार है आज भी दिल में मेरे
हर घड़ी उनका हमें आ ही जाता है खयाल
यादें ही गुलजार हैं आज भी दिल में मेरे
‘V9द’को ठोकर लगी इस जहां में हर कदम
पर वही एतबार है आज भी दिल में मेरे
स्वरचित
V9द चौहान