एक बेटी का दर्द
वक्त कितना भी मरहम लगा दे,
कुछ ज़ख्म ऐसे है जो कभी नहीं मिटते ।
जिनकी उंगली पकड़कर चलना सीखा ,
वो बिछड़े हुए माता पिता ,कभी नहीं भूलते ।
यूं तो जिंदगी में लाखों रिश्ते बनते बिगड़ते है ,
मगर कुछ ऐसे बंधन होते है जो ,
वक्त के थपेड़ों से भी नहीं टूटते ।
जब भी लौट के आती है जिंदगी में ,
वो लम्हा ,वो घड़ी मनहूस ,
उनकी याद ताजा कर देती है और ,
एक टीस के साथ आंखों से आंसू हैं निकल आते ।
कभी किसी बेटी से उसके पिता भुलाए नहीं भूलते ।