एक बूंद इश्क
अजी थोड़ी देर तो बैठो, इससे तुम्हारा क्या जाएगा
मेरा दिल जो बैठा जाता है, संभल जाएगा
यू पल भर आकर बेरुखी से उठ चल देते हो
मेरे दर्द को समझने का हुनर, तुमको कब आएगा
वक़्त लेकर आना अबकी बार, बातें कर ले दो
ऐसे तो हर सवाल मेरे दिल मे ही मर जायेगा
खताबार हूँ तो ये लो मेरा सर तेरे आगे है
कर लो वो जो तुम्हारे दिल मे आएगा
मिन्नते कर रही हूँ आज, कल किसने देखा
बाद तरसोगे एक बूँद इश्क को, ना कही आराम आएगा