Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2021 · 1 min read

एक बह्र -दो गज़ल

एक बह्र दो रंग

#1गज़ल

तवारी मश्क़ ए सुखन
सादर समीक्षार्थ एक प्रयास

12122 12122
रदीफ ठहरा
काफि़या मुहाल

कलम का मेरे , कमाल ठहरा
न फिर किसी का , ख़याल ठहरा

न अजनबी बन, यहाँ पे आना
यहाँ पे क़ौमी ,बबाल ठहरा

नकाब रुख पे ,जो डालते हो
हया पे आके ,सवाल ठहरा

न देश में अब, अमन मिलेगा
वबा का कैसा ,ज़बाल ठहरा ।

वजूद अपना ,नहीं दिखेगा
अगर लहू का ,उबाल ठहरा

पाखी

#2गज़ल

सवाल मेरे, भुला दिए हैं
नज़र से या फिर ,गिरा दिये हैं।1

मुझे किसी से,नहीं शिकायत
अज़ीज़ मेरे ,मिटा दिये हैं।2

कथा तुम्हारी,व्यथा हमारी
कलम ने कैसे, लिखा दिये हैं ।3

रहा हमारा ,सफ़र सुहाना
उधार तेरा, चुका दिये हैं।4

अभी मुहब्बत ,अभी लड़ाई
वफा़ को मेरी, सज़ा दिये हैं।5

—-
पाखी

1 Like · 199 Views

You may also like these posts

दीप जलाया है अंतस का,
दीप जलाया है अंतस का,
Priya Maithil
भारत अपना देश
भारत अपना देश
प्रदीप कुमार गुप्ता
धन्य हैं वो बेटे जिसे माँ-बाप का भरपूर प्यार मिलता है । कुछ
धन्य हैं वो बेटे जिसे माँ-बाप का भरपूर प्यार मिलता है । कुछ
Dr. Man Mohan Krishna
जीवन तो बहती दरिया है-काल चक्र का सर्प सदा ही हमको है डसता
जीवन तो बहती दरिया है-काल चक्र का सर्प सदा ही हमको है डसता
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
Abhishek Soni
Bye December
Bye December
Deepali Kalra
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
धधकती आग।
धधकती आग।
Rj Anand Prajapati
☺️दो-टूक☺️
☺️दो-टूक☺️
*प्रणय*
नहीं देखी सूरज की गर्मी
नहीं देखी सूरज की गर्मी
Sonam Puneet Dubey
'आशिक़ी
'आशिक़ी
Shyam Sundar Subramanian
बुझदिल
बुझदिल
Dr.Pratibha Prakash
ग़ज़ल : तुमको लगता है तुम्हारी ज़िंदगी पुर-नूर है
ग़ज़ल : तुमको लगता है तुम्हारी ज़िंदगी पुर-नूर है
Nakul Kumar
4243.💐 *पूर्णिका* 💐
4243.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहा बिषय- महान
दोहा बिषय- महान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दोहा 🌹💖
दोहा 🌹💖
Neelofar Khan
खुशी ना जाने कहा दफ़न हो गई,
खुशी ना जाने कहा दफ़न हो गई,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
चाकरी (मैथिली हाइकु)
चाकरी (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
टूटे अरमान
टूटे अरमान
RAMESH Kumar
किसी को मारकर ठोकर ,उठे भी तो नहीं उठना।
किसी को मारकर ठोकर ,उठे भी तो नहीं उठना।
मधुसूदन गौतम
*आहा! आलू बड़े मजेदार*
*आहा! आलू बड़े मजेदार*
Dushyant Kumar
अगर तू मेरी जान हो जाए
अगर तू मेरी जान हो जाए
Jyoti Roshni
सत्य सनातन गीत है गीता, गीता परम प्रकाश है
सत्य सनातन गीत है गीता, गीता परम प्रकाश है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"रिश्ते की बुनियाद"
Dr. Kishan tandon kranti
जय जय नंदलाल की ..जय जय लड्डू गोपाल की
जय जय नंदलाल की ..जय जय लड्डू गोपाल की"
Harminder Kaur
ऑन लाइन पेमेंट
ऑन लाइन पेमेंट
Satish Srijan
जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
Neeraj kumar Soni
नमन वंदन सदा करता।
नमन वंदन सदा करता।
अरविंद भारद्वाज
मांँ ...….....एक सच है
मांँ ...….....एक सच है
Neeraj Agarwal
नवजात बहू (लघुकथा)
नवजात बहू (लघुकथा)
गुमनाम 'बाबा'
Loading...