** एक प्रेमिका ने प्रेमी से कहा **
एक प्रेमिका ने प्रेमी से कहा
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पत्थरों से दिल लगाने से क्या मिलेगा
दिल ही लगाना है तो फूलों से लगाओ
प्रेमी ने बहुत ही सुंदर जवाब दिया
फूलों से भी क्या दिल लगाना
आज लगाया तो कल दिल मुरझाया
पत्थरों में ही है सच्ची वफ़ा का साया
फूलों की तरह नाजुक हसीनाओं ने तो
बेरहमी से आशिकों का दिल ठुकराया
पत्थरों पर तो लिखा दिलबर का नाम
कभी आसानी से क्या कोई मिटा पाया ।।
?मधुप बैरागी
धुंधली-सी उनकी परछाई
मेरे सीने में उतर आई है
वो ख्वाब है या हकीकत
जो नजरों में समायी है।।
?मधुप बैरागी