एक प्रश्न
तिनका तिनका-सा हो गया
तुझसे बिछुड़कर,
सारा उम्मीद खो दिया
मेरा यह जीवन
तुझसे दूर होकर,
चाहा था जितनी नजदीकियाँ बढ़े
उतनी ही फासले आ गए,
तेरे जाने के बाद
गुमसुम सा रहने लगा हूं,
तुझसे तो सिर्फ दूर हुआ
पर लगता है ऐसा कि मैं मर ही गया |
तेरे बिन
ये ठंडी-गर्मी और ये वसंत
सब फीका फीका-सा लग रहा |
ना शिकवा है तुझसे
ना ही कोई गिला,
बस खटकता है एक प्रश्न मन में मेरे,
क्या नौबत थी जो तुम छोड़ गए मेरे दिल को अकेले?