एक प्यार ऐसा भी /लवकुश यादव “अज़ल”
न आपने कुछ कहा न हमने कुछ सुना,
न हमने कुछ कहा न आपने कुछ सुना।
अज़ल ये भी मोहब्बत का इजहार है,
मुझे लगता है कि ये भी एक तरह का प्यार है।।
एक दूसरे के दिल पर दोनों का राज है,
नफरत के दौर में भी दिल में प्यार है।
आंखों में मोहब्बत है दिल को एहसास है,
मुझे लगता है ये भी एक तरह का प्यार है।।
उलझती शामें रातों को आसमान में चांद है,
लिखे खतो को छोड़िए हर मैसेज में आपका नाम है।
न आपने कुछ कहा न हमने कुछ सुना,
अज़ल ये भी मोहब्बत का इजहार है।।
सुहानी यादें ताजा सांसे होंठो पर मुस्कान है,
दोस्त कह रहे थे कि लगता है यही चाँद है।
न हमने कुछ कहा न आपने कुछ सुना,
मुझे लगता है ये भी एक तरह का प्यार है।।
लवकुश यादव “अज़ल”
अमेठी, उत्तर प्रदेश