“एक पैगाम पिता के नाम”
“एक पैगाम पिता के नाम”
पिता, तुझे सलाम
तुझ बिन अधूरी मेरी शाम,
तेरे कंधों पर बैठकर
मैंने देखा ये सारा जहान।
तेरी मेहनत और तपस्या
मेरे जीवन की बुनियाद,
तेरे स्नेह और प्यार से
मिला मुझे जीवनाधार।
तेरी आँखों की चमक
मेरे सपनों का है प्रमाण,
तेरे शब्दों की मिठास
मेरे संगीत मेरा सम्मान।
पिता, तू मेरा हीरो
तेरे बिन तो मैं अधूरा,
तेरे आशीर्वाद से होता
मेरा हर सपना पूरा।
एक पैगाम तेरे नाम
पिता तुझे सलाम
तेरे बिना अधूरी है,
मेरी हर सुबहो-शाम।
पुष्पराज फूलदास अनंत