Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jan 2017 · 1 min read

एक पाती बच्ची के नाम :-

फ़ोन जब आया कल शाम
सोच में बीता समय
सो नहीं पाया सारी रात
अवरूद्ध गले से
अस्पष्ट आवाज़ें
हथौड़े सा चोट करती
ख़नकती रही बात
क्या करूँ
समझ के मझ़धार
वर्तमान और भविष्य
दोनों खड़े हो गए
लेकर भीषण आकार
यातना कितनी सहओगी
लौटकर आओगी
घर तुम्हारे, मेरे पास
सिर्फ इस एहसास से
रिश्तों से बड़कर
अपनापन करें कई सवाल
आगे आने वाला जीवन
मेरे मरने के बाद
मेरा परिवार
क्या तुम्हें देगा
इतना ही प्यार
जिसकी थी, और हो
उतनी हकदार
तुम्हें इस हाल पर
छोड़कर भी मैं रहूंगा
बैचन, नाकाम
लिख रहा पाती तेरे नाम
बेटी होती पराई
चिरंतन विवशताई
घर से उठी डोली
बेटी पराई होली
कहना नहीं चाहता
पर कहता
समझौता कर रहो
ससुराल
बहुत मुश्किल पड़ेगी
अगर लौट आयेगी
वैसे मरकर भी
जी लेगी वहाँ
यहां न तुम्हें जीने देगा
न मुझे समाज
हर बात पर उलहाना
चरित्र हनन
मानसिक उत्पीड़न
मैं करूँ तो क्या करूँ
तेरे लिए कैसे खोलुं द्वार
आखिर कर अगर
जी नहीं सकती तो
आना बाबुल के द्वार
दोनों जीयेंगे मर मरकर
जैसे तैसे
पिता-पुत्री का असहाय जीवन

सजन

Language: Hindi
507 Views

You may also like these posts

अब जी हुजूरी हम करते नहीं
अब जी हुजूरी हम करते नहीं
gurudeenverma198
भाग्य
भाग्य
Rajesh Kumar Kaurav
संघर्ष का सफर
संघर्ष का सफर
Chitra Bisht
हे कृष्ण
हे कृष्ण
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
वैज्ञानिकता कहीं खो गई
वैज्ञानिकता कहीं खो गई
Anil Kumar Mishra
"मेरी कहानी"
Lohit Tamta
एहसास
एहसास
Ashwani Kumar Jaiswal
तुमसे रूठने का सवाल ही नहीं है ...
तुमसे रूठने का सवाल ही नहीं है ...
SURYA PRAKASH SHARMA
- मुझको बचपन लौटा दो -
- मुझको बचपन लौटा दो -
bharat gehlot
3427⚘ *पूर्णिका* ⚘
3427⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*तारे (बाल कविता)*
*तारे (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"बस्तर दशहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
अपने सपनों के लिए
अपने सपनों के लिए
हिमांशु Kulshrestha
चुनाव
चुनाव
पूर्वार्थ
कोशिशों  पर  यक़ी  करो  अपनी ,
कोशिशों पर यक़ी करो अपनी ,
Dr fauzia Naseem shad
कहां कहां ढूंढू तुझे मैं गज़लों में,
कहां कहां ढूंढू तुझे मैं गज़लों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सजल
सजल
seema sharma
नज़्म
नज़्म
Shiva Awasthi
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
.
.
*प्रणय*
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
DrLakshman Jha Parimal
संवाद
संवाद
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
সত্যের পথ মিথ্যার পথ
সত্যের পথ মিথ্যার পথ
Arghyadeep Chakraborty
मैं झूठा हूँ, भीतर से टूटा हूँ।
मैं झूठा हूँ, भीतर से टूटा हूँ।
Kirtika Namdev
तुझमे कुछ कर गुजरने का यहीं जूनून बरकरार देखना चाहता हूँ,
तुझमे कुछ कर गुजरने का यहीं जूनून बरकरार देखना चाहता हूँ,
Ravi Betulwala
मैं गलत नहीं हूँ
मैं गलत नहीं हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
मैं कोई ग़जल लिखूं तो तुम गुनगुनाओगे क्या
मैं कोई ग़जल लिखूं तो तुम गुनगुनाओगे क्या
Jyoti Roshni
Loading...