Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

एक पल

पल पल गुजरती ज़िंदगी एक दिन गुजर जायेगी।
संभल कर करो कर्म अपने घड़ी मौत भी लाएगी।
रोक न पाओगे उस लम्हे को वो होगा वक्त जाने का।
क्या करोगे फिर बदले और नफरत के अफसानों का।

बचपन के खेल जवानी के मेल सब यहीं रह जायेंगे।
जिम्मेदारियों के बोझ से गुजर जायेगी सारी जिंदगी।
बुढ़ापे के दस्तूर को सुख दुख के अनुभवों में बिताएंगे।
मिली मोहलत अगर ज़िंदगी से सारे दस्तूर निभायेंगे।

कौन जानें कितने फलसफे और कितने मुकाम आयेंगे।
कितने दिन की जिन्दगी है और भला कैसे कह पाएंगे।
सांसों पे ठहरी हुई है इस जिन्दगी की सारी वेलेडिटी।
कितना रिचार्ज बाकी है मुश्किल है ये कैसे बताएंगे।

स्वरचित एवं मौलिक
कंचन वर्मा
शाहजहांपुर
उत्तर प्रदेश

1 Like · 151 Views

You may also like these posts

दिल को लगाया है ,तुझसे सनम ,   रहेंगे जुदा ना ,ना  बिछुड़ेंगे
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम , रहेंगे जुदा ना ,ना बिछुड़ेंगे
DrLakshman Jha Parimal
किसी से इश्क़ मत करना
किसी से इश्क़ मत करना
SURYA PRAKASH SHARMA
🙅झाड़ू वाली भाभी🙅
🙅झाड़ू वाली भाभी🙅
*प्रणय*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्यार कर रहा हूँ  . . . .
प्यार कर रहा हूँ . . . .
sushil sarna
अपना ईमान तक गवाये बैठे है...!!
अपना ईमान तक गवाये बैठे है...!!
Ravi Betulwala
अंधेरा छाया
अंधेरा छाया
Neeraj Mishra " नीर "
मन की खुशी
मन की खुशी
कार्तिक नितिन शर्मा
காதல் என்பது
காதல் என்பது
Otteri Selvakumar
लावारिस
लावारिस
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
जल जंगल जमीन
जल जंगल जमीन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
राष्ट्रहित में मतदान करें
राष्ट्रहित में मतदान करें
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
3626.💐 *पूर्णिका* 💐
3626.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कर्म यदि अच्छे हैं तो डरना नहीं
कर्म यदि अच्छे हैं तो डरना नहीं
Sonam Puneet Dubey
मित्रता
मित्रता
Rambali Mishra
चित्त शांत नहीं
चित्त शांत नहीं
Ansh
Interest vs interrupt
Interest vs interrupt
Rj Anand Prajapati
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं
Manisha Manjari
सुख हो या दुख बस राम को ही याद रखो,
सुख हो या दुख बस राम को ही याद रखो,
सत्य कुमार प्रेमी
तुम्हारा ज़वाब सुनने में कितना भी वक्त लगे,
तुम्हारा ज़वाब सुनने में कितना भी वक्त लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नज़्म
नज़्म
Jai Prakash Srivastav
"सपनों की परवाज़" (The Flight of Dreams):
Dhananjay Kumar
पी जाता हैं प्यास भी, .....मेरी वो हर बार ।
पी जाता हैं प्यास भी, .....मेरी वो हर बार ।
RAMESH SHARMA
اور کیا چاہے
اور کیا چاہے
Dr fauzia Naseem shad
आंखों की भाषा के आगे
आंखों की भाषा के आगे
Ragini Kumari
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
पूर्वार्थ
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
Neelam Sharma
"आजमाइश"
Dr. Kishan tandon kranti
यही है वो संवेदना है
यही है वो संवेदना है
Sandeep Barmaiya
"Let us harness the power of unity, innovation, and compassi
Rahul Singh
Loading...