एक पथिक
मार्ग नही बाधित होता, जब पथिक निरंतर चलता है।
जीवन मे कुछ करने को, वह कर्म अकल्पित करता है।।
पथ पर चलते-चलते ही वह चोटी को छू लेता है।
कर्म नही खंडित होगा वह दृढ़ निश्चय कर लेता है।।
©प्रशान्त तिवारी”अभिराम”
मार्ग नही बाधित होता, जब पथिक निरंतर चलता है।
जीवन मे कुछ करने को, वह कर्म अकल्पित करता है।।
पथ पर चलते-चलते ही वह चोटी को छू लेता है।
कर्म नही खंडित होगा वह दृढ़ निश्चय कर लेता है।।
©प्रशान्त तिवारी”अभिराम”