एक नया वादा
३)
एक नया वादा
अभिनन्दन नूतन वर्ष तुम्हें
शत शत नमन प्रिय जन तुम्हें
नये साल पर कुछ
अलग करने का है रिवाज
तो क्या मानोगे तुम सब
मेरा नया अंदाज़
कुछ छोड़ना होगा
तो कुछ अपनाना होगा
कचरा कूड़े दान में डालोगे
पानी को सहेजोगे, सँभालोगे
तोहफ़े में बस पौधे दोगे
पेड़ काटना छोड़ोगे
छोड़ो जानवर को सताना
मूक जानवर को तड़पाना
अनाथों की रक्षा करोगे
पक्षी को दाना-पानी दोगे
माँ से बढ़कर कोई न दूजा
माँ ही काबा- काशी पूजा
नदियों को माँ सम मानोगे
बूँद-बूँद से घट भरता है
यह सबको सिखलाओगे
छोड़ो पीओपी की मूर्ति
माटी की मूर्ति पूजोगे
घर के बागीचे में ही
उसे विसर्जित करवाओगे
इस साल चलो कुछ
अच्छा करते हैं
कुछ नया करते हैं
अपने लिए तो हर दम किया
अब कुदरत के लिए करते हैं
स्वरचित और मौलिक
उषा गुप्ता, इंदौर