एक नदी है
एक नदी है
मेरी आँखों के भीतर
जो बहती रहती है
किसी बारहमासी नदी के जैसी,
तुम्हारे दिए हुए
दुःखों का हिमनद
पिघल रहा है
धीरे-धीरे हृदय के अंदर;
एक अजीब चीज़
देखने को मिल रही है यहाँ
हिमनद, पिघल कर
ऊपर की तरफ
चढ़ रहा है
मेरे अंदर का दुःख
ज्यों-ज्यों बढ़ रहा है।