एक दीवाना ऐसा भी
इश्क का भूत चढ़ता है और
वक्त के चलते
उतर भी जाता है लेकिन
एक दीवाना ऐसा भी
जिसे राख के ढेर से
इस कदर दीवानगी हुई कि
वह उसकी आंखों में धूल
झोंकती है
हवा में उसे उड़ाती है
जमीन पर जोरों से पटकी लगाती है
उसे मारती है
पिटती है
कूटती है
गाली देती है
डांट पिलाती है
इतनी दीवानगी की कहीं कोई
ठोस वजह नहीं लेकिन
यह दीवानगी ठहरती ही नहीं
बढ़ती ही जाती है
यह जो जादू टोना है
इश्क का भूत
काश खुदा सबकी किस्मत में
ऐसा ही सिरफिरा दीवाना
लिखे।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001