#गीत//एक दीया देश के नाम
दीप जलेगा हर घर में जब ,
दूर तिमिर तब हो जाएगा।
हम एक हुए संकल्प यही ,
उत्साहित हमें बनाएगा।।
घोर अँधेरा मन में भय का ,
दीप जलेगा आज विजय का।
देख प्रकृति भी पुलकित होगी ,
फल देगी सामंजस्य विलय का।
राहें उज्ज्वल हो जाएंगी ,
भटका मंज़िल को पाएगा।
संकट जीवन को डरा रहा ,
देख उजाला टल जाएगा।।
ये दीप प्रेम अनुशासन का ,
ये दीप एकता शासन का।
ये दीप जोश मन आशा का ,
ये दीप जीत की भाषा का।
ये दीप देश पर निष्ठा का ,
हर आँगन देखा जाएगा।
अंबर भी आकर्षित होकर ,
स्नेह धरा पर बरसाएगा।।
मन का अँधियारा धुलता है ,
जब दीप प्रेम का जलता है।
मन दोष मुक्त हो जाए तो ,
सुर मोहब्बत का सजता है।
दीप जलाओ मन से मन का ,
मालिक तब ख़ुश हो पाएगा।
भयभीत किया जिसने सबको ,
वो ही अब राह दिखाएगा।।
दीप जलेगा हर घर में जब ,
दूर तिमिर तब हो जाएगा।
हम एक हुए संकल्प यही ,
उत्साहित हमें बनाएगा।।
?आर.एस.प्रीतम?