Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

“एक दीप जलाना चाहूँ”

दिया बाती को जीवन साथी बनाना चाहूँ,
उसकी ज्योति को जगमगाना चाहूँ।
एक दीप बिखरे जीवन की क्यारी पर,
एक दीप सफल जीवन की तैयारी पर ।

एक दीप तन के उजले,मन के काले में,
एक दीप मन के शिवालय में।
एक दीप अन्तर्मन के आंगन मे,
एक दीप नास्तिक के आंगन में।

एक दीप दुविधा के ,दो राहों पर,
एक दीप फ़ितूरो के चौराहों पर।
एक दीप जलाना चाहूं,
श्रद्धा की भावनाओं पर।

दीप से दीप जलाते रहें,
मन के अंधेरे को भगाते रहें।
हर हृदय में लोभ,ईर्ष्या जल रहे,
आओ हम प्रेम जल से बुझते रहें।

सूर्य बन सकते नही ,जुगनुओं से जलते रहें,
आस की एक किरण से दीप ये जलते रहे।
रागिनी तुम आज ,राग दीपक के गाओ,
आज जो बुझा दीपक उसको जलाओ।

दीप अस्तित्व का,बनना चाहूं,
मन की बगिया को दीपो से सजाऊँ।
दिल मे जो अंधकार भर है,
दिल मे एक दीपक बुझा पड़ा है।

यह दीप बाद स्नेह भरा,
इसकी लौ प्रकाश ,भर देता है।
प्रेम और आस्था का दीपक,
हर घर मे जल सकता है ।

दीपक बाती में ,कितना प्रेम भरा,
यह हमको दर्शाता है ।
है पवित्र पवन संगम इनका,
यह हम सबको ,हर्षाता है।

सब मिल दीप ज्योति से सन्धि करो,
अपने जीवन को सुगंधित करो।

लेखिका:- एकता श्रीवास्तव ✍️
प्रयागराज

Language: Hindi
179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ekta chitrangini
View all
You may also like:
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक ही तारनहारा
एक ही तारनहारा
Satish Srijan
मुश्किल बहुत होता है मन को नियंत्रित करना
मुश्किल बहुत होता है मन को नियंत्रित करना
Ajit Kumar "Karn"
मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो
मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो
Awadhesh Singh
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
दोहे- अनुराग
दोहे- अनुराग
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#सुप्रभात-
#सुप्रभात-
*प्रणय*
4102.💐 *पूर्णिका* 💐
4102.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रामलला
रामलला
Saraswati Bajpai
क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड
Sandeep Pande
गीतिका
गीतिका
Rashmi Sanjay
#5_सबक
#5_सबक
पूर्वार्थ
कारक पहेलियां
कारक पहेलियां
Neelam Sharma
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
Neeraj Agarwal
फूल
फूल
Punam Pande
अन्तिम स्वीकार ....
अन्तिम स्वीकार ....
sushil sarna
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
आर.एस. 'प्रीतम'
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
ओनिका सेतिया 'अनु '
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
Manoj Mahato
हम अभी
हम अभी
Dr fauzia Naseem shad
*जीवन में मुस्काना सीखो (हिंदी गजल/गीतिका)*
*जीवन में मुस्काना सीखो (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
"बहुत दिनों से"
Dr. Kishan tandon kranti
आज ख़ुद के लिए मैं ख़ुद से कुछ कहूं,
आज ख़ुद के लिए मैं ख़ुद से कुछ कहूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
✍️ रागी के दोहे ✍️
✍️ रागी के दोहे ✍️
राधेश्याम "रागी"
मेरा तकिया
मेरा तकिया
Madhu Shah
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
कवि दीपक बवेजा
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...