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8 May 2023 · 1 min read

एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,

एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
याद आयेंगे हर एक फरेब हर एक छल ।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा

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