एक तूही ममतामई
एक तूही ममतामई, करने तेरी दर्शन
जननी! पुजने, तेरी चरणन, शरण में हम आए
हम आए – हम आए शरण में हम आए।
सुनते ही, महिमा तेरी, करने तेरी दर्शन
जननी! पुजने तेरी, चरणन, शरण में हम आए
हम आए – हम आए, शरण में हम आए।।
मै पापी, अज्ञानी, देख हाल है कैसी
हर खुशी मुझे दिखी, द्वारा तेरी है ऐसी
आंखों को, तेरा ही, इन्तजार है, दे दर्शन माँ पहली पुकार है
नाम तेरा, जपते ही, करने जीवन अर्पण।
जननी! पुजने, तेरी चरणन, शरण में हम आए
हम आए – हम आए, शरण में हम आए।।
एक सहारा,जग की तु, मैया शेरावाली
लगा किनारा, नैया तु, भव मे फसी बेचारी
नाम तेरा, अनुपम हजार है, रुप तेरा अनुपम हजार है
बेटा माँ “बसंत” तेरा, दिखा ज्ञान का दर्पण ।
जननी! पुजने, तेरी चरणन, शरण में हम आए
हम आए – हम आए, शरण में हम आए।।
✍️ बसंत भगवान राय
(धुन: दो अनजाने अजनबी)