एक तन्हा चिड़िया
एक बिजली की तार
उसपर बैठी एक तन्हा चिड़िया
एक साधक सी
एक आंख में पिरोये रात्रि के
काजल सी
क्या सोच रही
क्या मनन कर रही
उड़ भी नहीं रही
आसमान में
क्या इसके दिल की धड़कती गली
धधकते दिलों की गलियों के लिए
बन गई
एक सूरज के आग के गोले
के शोलों सी अनबुझ पहेली घातक सी।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001