एक जिद्दी बच्ची
माँ की एक जिद्दी बच्ची
लापरवाह सी
कुछ पागल सी
उड़ती फिरती तितली सी
माँ कहती
मेरा कहना मानेगी तो
तू रानी बन जाएगी
रानी बिटिया कुछ ना सुनती
फिरती मनमानी करती
फिर यौवन में कदम रखा
इक दिन फिर ये बात हुई
प्यार की वो मुलाकात हुई
प्यार में मन हार गयी
बंध गयी इस बंधन मे
कितनी बेपरवाह सी वो
हर बात पे हंसती रहती जो
खबरदार हो गयी दुनिया से
आँसू पाये मुस्कान गयी
माँ की एक जिद्दी बच्ची
दुनिया से फिर भिड़ गयी………
ShabinaZ