एक जिंदगी खुद के लिए जीते हैं
चलो ना एक जिंदगी खुद के लिए जीते हैं
टूटे दिलो को फिर से जोड़ते हैं
बिखरे सपनो को फिर से समेटते है
चलो ना एक जिंदगी खुद के लिए जीते हैं
दुनिया से दूर आशियाना एक अपना बनाते है
अब सारे गिले शिकवे मिटाते है
चलो ना एकजिंदगी खुद के लिए जीते है
खुल के एक बार फिर साथ में मुस्कुराते हैं
हाथ थाम कर एक बार फिर साथ चलते है
चलो ना एक जिंदगी खुद के लिए जीते है
खोने के डर को आज खत्म करते हैं
बंधन में इस बार दिल से बंधते है
चलो ना एक जिंदगी खुद के लिए जीते हैं
कोमल स्वामी
From Jaipur