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6 Jan 2022 · 1 min read

एक चाह ऐसी भी …….. सिर्फ लालच

काली आंधियां कुछ इस तरह छाई………
लोगों ने अपनी अपनी मांगे सुनाई…..

लड़के के घर वालों ने जब बोली लगाई……..
एक बेटी के बाप ने अपनी गर्दन झुकाई…….

एक बाप ने अपनी सारी पूंजी दे डाली…….
फिर भी लालची यों के हाथ अभी तक थे खाली…….

एक लड़की अपना सब कुछ छोड़ पराए घर चली…..
लोगों के मन में तो दहेज की थी खलबली…..

शायद वह भूल गए उनकी बेटी को भी दूसरे घर है जाना……
पर घर आती बहू उन्हें लगती है खजाना……

कमजोर बाप के सर पर था मांगों का भार……..
लड़के को तो चाहिए थी एक बड़ी सी कार…..

इतना दुखी है लड़की का जीवन और संसार….
तो सही ही है कन्या भ्रूण हत्या का विचार….

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 166 Views
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