Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2020 · 1 min read

एक किताब

लाखों करोड़ों किताबों मे
सोचता हूं इक दिन
पढ़ लेगा कोई
एक किताब मेरी भी ।

छोड़ चला जाऊंगा मै
दुनिया को इक दिन
रह जायेगी यादों मे
एक कहानी मेरी भी ।

कोलाहल के जीवन मे
नामुमकिन है इक दिन
सुन लेगा कोई
एक आवाज़ मेरी भी ।

जिन राहों पे चला था मै
ढूंढेगा कोई शख्स इक दिन
शब्दों के पदचिन्हों मे
एक लकीर मेरी भी ।।

राज विग 06.03.2020.

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 600 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अकेला हूँ ?
अकेला हूँ ?
Surya Barman
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
gurudeenverma198
#लघु_कविता-
#लघु_कविता-
*प्रणय प्रभात*
मेरी हैसियत
मेरी हैसियत
आर एस आघात
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
Pratibha Pandey
राहें
राहें
Shashi Mahajan
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
शेखर सिंह
चाहे लाख महरूमियां हो मुझमे,
चाहे लाख महरूमियां हो मुझमे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आ जाओ
आ जाओ
हिमांशु Kulshrestha
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
"परवाने"
Dr. Kishan tandon kranti
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा,
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा,
पूर्वार्थ
3903.💐 *पूर्णिका* 💐
3903.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
“नया मुकाम”
“नया मुकाम”
DrLakshman Jha Parimal
नयी - नयी लत लगी है तेरी
नयी - नयी लत लगी है तेरी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
खतावर हूँ तो मेरी खता ही बता दे
खतावर हूँ तो मेरी खता ही बता दे
VINOD CHAUHAN
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
Ranjeet kumar patre
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जरूरी है
जरूरी है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
©️ दामिनी नारायण सिंह
प्रेरणा गीत
प्रेरणा गीत
Saraswati Bajpai
गौतम बुद्ध के विचार --
गौतम बुद्ध के विचार --
Seema Garg
आओ थोड़ा जी लेते हैं
आओ थोड़ा जी लेते हैं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
गुमनाम 'बाबा'
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
The_dk_poetry
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
Anil Mishra Prahari
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
पंकज परिंदा
Loading...