एक कविता भारतीय सेना के नाम
“आज कुत्तो ने शेरो को छेडा है
शेरो कि मांद मे किया बसेरा है
बहुत हो गया है अब भाईचारा
सब्र का बांध अब तोडा है,
टुट पडो अब इन गिदडो पे
हर वार अब हमारा होगा
हिन्दुस्ताँ तो रहेगा बेसक
पर दुजा पाक यहा ना होगा,
मत भूलो तुम औकात को अपनी
वरना इतिहास बनके रह जाओगे
गरजेंगे शेर तो जर्रा-जर्रा थर्रायेगा
बेबस और बेपनाह नजर आओगे,
कांपेगा फिर इतिहास तुम्हे देखकर
भूतल वो जलथल नजर जायेगा
हिन्दुस्तान पे जो आंख उठायेगा
वो फिर रब का प्यारा कहलायेगा,
शेर दिल को जो अब छेडोगे
तो वजुद तुम्हारा नही रहेगा
हिन्दुस्ताँ तो अमिट रहेगा
पर पाक यहा अब नही रहेगा”