एक कलम से………. ..️️️
“कारीगर हूँ! कलम का
शब्दों से विचारों को तराशता हूँ।
या फिर ऐसा चित्रकार हूँ
कागज के कोरे पन्नो पर
स्याही से कल्पनाओं में रंग भरता हूँ।
खामोश जबान को आवाज देता हूँ…
भटकते समाज को दिशा देता हूँ।
मैं पत्थर के निशब्द देहों को शब्द देता हूँ ..
भोर संग पथ प्रदर्शन कर लेता हूँ।
पल भर भी नही होता ओझल
फिर रातों को चिराग़ बनकर उभर रहा हूँ “……….
★#प्रकाश