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26 May 2023 · 1 min read

एक कबूतर

छ्त पर बैठी
एक कबूतर दाना खाती

सहमी सी थी
वह भूखी थी डरी हुई सी
ऊपर नीचे सिर
करती पर मरी हुई सी
जठराग्नि भारी
यौवन पर यह दिखलाती

पास पड़ी थी वहीं
एक मरी हुई तितली
बहशी के जैसे हाथों से
लगती मसली
रंग रूप पर
अपने रहती थी मदमाती।

एक कली जो
गमले में थी झुकी हुई थी
मुरझाई थी
पत्ते पर ही रूकी हुई थी
कोई उसको
तोड़े न छिपती डर जाती

Language: Hindi
1 Like · 121 Views
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