एक और मज़हब बना कर देखते है
एक और मज़हब बना कर देखते है
इंसानो का दर्द मिटा कर देखते है
न हो बैर इंसानो का इंसानो से
ऐसी रस्म निभा कर देखते है
भूपेंद्र रावत
25।04।2020
एक और मज़हब बना कर देखते है
इंसानो का दर्द मिटा कर देखते है
न हो बैर इंसानो का इंसानो से
ऐसी रस्म निभा कर देखते है
भूपेंद्र रावत
25।04।2020