Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2023 · 3 min read

एक ऐसे कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पै

एक ऐसे कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पैसे नहीं थे … तब मंगलसूत्र बेचने की बात की थी।
यह जानकर सुखद आश्चर्य होता है कि पूज्यनीय रामचंद्र डोंगरे जी महाराज जैसे भागवताचार्य भी हुए हैं जो कथा के लिए एक रुपया भी नहीं लेते थे 🙏 मात्र तुलसी पत्र लेते थे। जहाँ भी वे भागवत कथा कहते थे, उसमें जो भी दान दक्षिणा चढ़ावा आता था, उसे उसी शहर या गाँव में गरीबों के कल्याणार्थ दान कर देते थे। कोई ट्रस्ट बनाया नहीं और किसी को शिष्य भी बनाया नहीं।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•

अपना भोजन स्वयं बना कर ठाकुरजी को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करते थे। डोंगरे जी महाराज कलयुग के दानवीर कर्ण थे।

उनके अंतिम प्रवचन में चौपाटी में एक करोड़ रुपए जमा हुए थे, जो गोरखपुर के कैंसर अस्पताल के लिए दान किए गए थे। स्वंय कुछ नहीं लिया|

डोंगरे जी महाराज की शादी हुई थी। प्रथम रात के समय उन्होंने अपनी धर्मपत्नी से कहा था, “देवी मैं चाहता हूं कि आप मेरे साथ १०८ भागवत कथा का पारायण करें, उसके बाद यदि आपकी इच्छा होगी तो हम गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करेंगे’।

इसके बाद जहाँ जहाँ डोंगरे जी महाराज भागवत कथा करने जाते, उनकी पत्नी भी साथ जाती।१०८ भागवत कथा पूर्ण होने में करीब सात वर्ष बीत गए। तब डोंगरे जी महाराज पत्नी से बोले, *अब अगर आपकी आज्ञा हो तो हम गृहस्थ आश्रम में प्रवेश कर संतान उत्पन्न करें’।
इस पर उनकी पत्नी ने कहा, ‘आपके श्रीमुख से १०८ भागवत कथा श्रवण करने के पश्चात मैंने गोपाल को ही अपना पुत्र मान लिया है, इसलिए अब हमें संतान उत्पन्न करने की कोई आवश्यकता नहीं है”। धन्य हैं ऐसे पति-पत्नी, धन्य है उनकी भक्ति और उनका कृष्ण प्रेम।

डोंगरे जी महाराज की पत्नी आबू में रहती थीं और डोंगरे जी महाराज देश दुनिया में भागवत कथा रस बरसाते थे।
पत्नी की मृत्यु के पांच दिन पश्चात उन्हें इसका पता चला। वे अस्थि विसर्जन करने गए, उनके साथ मुंबई के बहुत बड़े सेठ थे “रतिभाई पटेल जी” |
उन्होंने बाद में बताया कि डोंगरे जी महाराज ने उनसे कहा था ‘कि रति भाई मेरे पास तो कुछ है नहीं और अस्थि विसर्जन में कुछ तो लगेगा। क्या करें’ ? फिर महाराज आगे बोले थे, ‘ऐसा करो, पत्नी का मंगलसूत्र और कर्णफूल पड़ा होगा उसे बेचकर जो मिलेगा उसे अस्थि विसर्जन क्रिया में लगा देते हैं’।

सेठ रतिभाई पटेल ने रोते हुए बताया था….
जिन महाराजश्री के इशारे पर लोग कुछ भी करने को तैयार रहते थे, वह महापुरुष कह रहा था कि पत्नी के अस्थि विसर्जन के लिए पैसे नहीं हैं।

हम उसी समय मर क्यों न गए l
फूट फूट कर रोने के अलावा मेरे मुँह से एक शब्द नहीं निकल रहा था।

सनातन धर्म ही सर्वोपरि है । ऐसे संत और महात्मा आप को केवल सनातन संस्कृति में ही मिलते है। हमारे देश में बहुत सी बातें हैं जो हम सभी तक पहुंच नहीं पायी । मैं कोशिश करता रहता हूं कि हमारे देश की संस्कृति को हम सभी जाने।
जय श्री राधे कृष्ण 🚩🙏

*ऐसे महान विरक्त महात्मा संत के चरणों में कोटी कोटी नमन भी कम है ।।जय श्री राम।।🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी बुन्देलखण्ड

511 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोई मिलता है
कोई मिलता है
shabina. Naaz
🙅18वीं सरकार🙅
🙅18वीं सरकार🙅
*प्रणय*
गणतंत्र का जश्न
गणतंत्र का जश्न
Kanchan Khanna
दोषी कौन?
दोषी कौन?
Indu Singh
Cottage house
Cottage house
Otteri Selvakumar
ऐसे रूठे हमसे कि कभी फिर मुड़कर भी नहीं देखा,
ऐसे रूठे हमसे कि कभी फिर मुड़कर भी नहीं देखा,
Kanchan verma
परिश्रम
परिश्रम
Neeraj Agarwal
मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम ।
मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम ।
sushil sarna
2975.*पूर्णिका*
2975.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
रूप आपका
रूप आपका
surenderpal vaidya
असत्य पर सत्य की जीत तभी होगी जब
असत्य पर सत्य की जीत तभी होगी जब
Ranjeet kumar patre
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आवाज मन की
आवाज मन की
Pratibha Pandey
ज़िंदगी इसमें
ज़िंदगी इसमें
Dr fauzia Naseem shad
हिंदी दोहे - हर्ष
हिंदी दोहे - हर्ष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रेम का वक़ात
प्रेम का वक़ात
भरत कुमार सोलंकी
इतिहास में वही प्रेम कहानियाँ अमर होती हैं
इतिहास में वही प्रेम कहानियाँ अमर होती हैं
पूर्वार्थ
लड़के रोते नही तो क्या उन को दर्द नही होता
लड़के रोते नही तो क्या उन को दर्द नही होता
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
आ जाती हो याद तुम मुझको
आ जाती हो याद तुम मुझको
gurudeenverma198
हिंदी दिवस विशेष
हिंदी दिवस विशेष
Shubham Anand Manmeet
"सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं ....
Atul "Krishn"
गांव की याद
गांव की याद
Punam Pande
*
*"तुलसी मैया"*
Shashi kala vyas
*तन पर करिएगा नहीं, थोड़ा भी अभिमान( नौ दोहे )*
*तन पर करिएगा नहीं, थोड़ा भी अभिमान( नौ दोहे )*
Ravi Prakash
आकाश
आकाश
Dr. Kishan tandon kranti
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
Rj Anand Prajapati
देखिए प्रेम रह जाता है
देखिए प्रेम रह जाता है
शेखर सिंह
अमिट सत्य
अमिट सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
Chaahat
Loading...