एक एक ख्वाहिशें आँख से
एक एक ख्वाहिशें आँख से
अश्क़ बन गिरती रही
हम ढूँढा किये रेत में
किसी सीप मे कोई ख्वाब ज़िन्दा हो…..
नम्रता सरन”सोना”
एक एक ख्वाहिशें आँख से
अश्क़ बन गिरती रही
हम ढूँढा किये रेत में
किसी सीप मे कोई ख्वाब ज़िन्दा हो…..
नम्रता सरन”सोना”