एक अहसास
एक अहसास●●●●●●
★माँ के साथ★
बुन जीवन के ताने बाने
आशा स्वप्न सजीली है।
जीवन अर्पित कर हुई विदा,
ये दुनियाँ रँग रंगीली है।
1 तिनका तिनका जोड़ बनाया,
एक घोंसला चिड़िया ने।
सुख स्वप्नों इसे सजाया,
एक घोंसला गुड़िया ने।
चिड़बे संग फिर ब्याह रचाया,
दुल्हन बन शर्मीली है।
जीवन अर्पित…….
2 सुख साधन सम्पन्न सम्पन्न हुई,
वह बंध मर्यादा बंधन में।
मिला नहीं किस्मत से ज्यादा,
कभी किसी को जीवन में।
आस -निराश चक्र जीवन के,
रहती यही पहेली है।
जीवन अर्पित………
3 ममता से निज स्नेह लुटाकर,
बनी प्यार क। परिभाषा।
साथी संग सहारे छूटे,
चली सजन संग,कर श्रंगार
छबीली है।
जीवन अर्पित……….
प्रवीणा त्रिवेदी “प्रज्ञा”
नई दिल्ली 74