Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Dec 2016 · 1 min read

एक अहम सवाल…?

​मर जाती है भूख से वो जब बाजार गर्म न हो,

गर बिक जाए सौदा क्यूँ सुकूँ से खा न पाती वो।

मयस्सर चाँदनी लेकिन अँधेरा जिन्दगी में है,

दरिया_ए_अश्क बहे जो आँखों में क्यूँ सुखा न पाती वो।

उसकी बेबसी ऐसी कि हर इक रोज मरना है,

‘अजनबी’को हर अपनी बेबसी क्यूँ दिखा न पाती वो।

नज़र झुके खरीददारों के दीदार जब सरेआम हो जाय,

रईसों को रईसी का हुनर क्यूँ सिखा न पाती वो।

गद्दे मखमली, हीरे जड़े ,श्रृंगार सोलह पर,
सुहागन बन सँवर खुद को आईना क्यूँ दिखा न पाती वो।

317 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर एक राज को राज ही रख के आ गए.....
हर एक राज को राज ही रख के आ गए.....
कवि दीपक बवेजा
झिङककर हाथ समुंदर का
झिङककर हाथ समुंदर का
Chitra Bisht
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
सकारात्मक सोच अंधेरे में चमकते हुए जुगनू के समान है।
सकारात्मक सोच अंधेरे में चमकते हुए जुगनू के समान है।
Rj Anand Prajapati
सीता स्वयंवर, सीता सजी स्वयंवर में देख माताएं मन हर्षित हो गई री
सीता स्वयंवर, सीता सजी स्वयंवर में देख माताएं मन हर्षित हो गई री
Dr.sima
छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।
छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
Vivek Mishra
नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा
नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा
Shashi kala vyas
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
All good
All good
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वह ख्वाब सा मेरी पलकों पे बैठा रहा
वह ख्वाब सा मेरी पलकों पे बैठा रहा
Kajal Singh
2911.*पूर्णिका*
2911.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पागल सा दिल मेरा ये कैसी जिद्द लिए बैठा है
पागल सा दिल मेरा ये कैसी जिद्द लिए बैठा है
Rituraj shivem verma
जैसे-जैसे हम चुनौतियों और असफलताओं की घुमावदार सड़कों पर चलत
जैसे-जैसे हम चुनौतियों और असफलताओं की घुमावदार सड़कों पर चलत
पूर्वार्थ
होने को अब जीवन की है शाम।
होने को अब जीवन की है शाम।
Anil Mishra Prahari
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
shabina. Naaz
कम से कम..
कम से कम..
हिमांशु Kulshrestha
..
..
*प्रणय*
"धन-दौलत" इंसान को इंसान से दूर करवाता है!
Ajit Kumar "Karn"
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
शेखर सिंह
प्रार्थना
प्रार्थना
Shally Vij
जवानी
जवानी
Bodhisatva kastooriya
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
Kumar lalit
"कुछ लोग हैं"
Dr. Kishan tandon kranti
भाईदूज
भाईदूज
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
पाने की चाहत नहीं हो
पाने की चाहत नहीं हो
Sonam Puneet Dubey
मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम।
मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम।
विजय कुमार नामदेव
याद भी तेरी साथ लाती है।
याद भी तेरी साथ लाती है।
Dr fauzia Naseem shad
Loading...