एक अलबेला राजू ( हास्य कलाकार स्व राजू श्रीवास्तव के नाम )
आसमान से टूटा फिर आज एक सितारा ,
दुनिया के रंगमंच से उतर कर एक किरदार ।
खो गया या ओझल हो गया अंधेरों में कहीं वो ।
जलवे अपने दिखाकर एक उम्दा अदाकार।
लोगों की बेनूर सी,नीरस जिंदगी में रंग भरता था,
हंसी ,मजाक ,चुटकुले सुनाकर हंसाता हर बार ।
चला गया अचानक कहकहो की महफिल छोड़कर,
वोह अनूठा सा मगर भला सा हास्य कलाकार।
थाम के तो रखी थी सांसों की डोर कसकर ,
मगर फिर भी हा दुर्भाग्य ! छूट ही गई आखिरकार ।
समग्र देशवासियों के हृदय में राज करने वाला,”राजू”
एक लंबे अंतहीन सफर की और चला ही गया।
अब तो बस यादें ही रह गई है उसकी जीवन में ,
मगर रहती दुनिया तक अमर रहेगा वो सितारा,
जो करता था लोगों को खुश हंसा हंसाकर ।