Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2017 · 1 min read

एकाकार

“एकाकार”
—————

एकाकार
हुए है देखो !
कितने सुन्दर ?
वृक्ष विशाल |
खो रही जो ….
प्रीत की थाति !
जला रहे !
उसकी मशाल ||
मनुज-स्नेह भी
गौण हो गया !
ऐसी इनकी
बनी मिशाल ||
जकड़े दोनों
स्नेह-बंधन में !
पाणि-ग्रहण-सा
है संस्कार !
बता रहे ये …..
प्रीत की रीत !
सदा प्रीत की
जय-जयकार ||
———————————
डॉ० प्रदीप कुमार “दीप”
=======================

Language: Hindi
505 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मासूमियत
मासूमियत
Punam Pande
2388.पूर्णिका
2388.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
एक पराई नार को 💃🏻
एक पराई नार को 💃🏻
Yash mehra
सुंदर शरीर का, देखो ये क्या हाल है
सुंदर शरीर का, देखो ये क्या हाल है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
हवा में हाथ
हवा में हाथ
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
" मिलन की चाह "
DrLakshman Jha Parimal
नारी शक्ति का सम्मान🙏🙏
नारी शक्ति का सम्मान🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मुझे इश्क से नहीं,झूठ से नफरत है।
मुझे इश्क से नहीं,झूठ से नफरत है।
लक्ष्मी सिंह
सावन सूखा
सावन सूखा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ह्रदय जब स्वच्छता से ओतप्रोत होगा।
ह्रदय जब स्वच्छता से ओतप्रोत होगा।
Sahil Ahmad
विचार और विचारधारा
विचार और विचारधारा
Shivkumar Bilagrami
और क्या ज़िंदगी का हासिल है
और क्या ज़िंदगी का हासिल है
Shweta Soni
"सन्देश"
Dr. Kishan tandon kranti
झूठे से प्रेम नहीं,
झूठे से प्रेम नहीं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
चला गया
चला गया
Mahendra Narayan
किसी को नीचा दिखाना , किसी पर हावी होना ,  किसी को नुकसान पह
किसी को नीचा दिखाना , किसी पर हावी होना , किसी को नुकसान पह
Seema Verma
मंजिल तक पहुँचने के लिए
मंजिल तक पहुँचने के लिए
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
ऐ ज़ालिम....!
ऐ ज़ालिम....!
Srishty Bansal
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
Harminder Kaur
कुछ व्यंग्य पर बिल्कुल सच
कुछ व्यंग्य पर बिल्कुल सच
Ram Krishan Rastogi
इंसान बनने के लिए
इंसान बनने के लिए
Mamta Singh Devaa
मैं चोरी नहीं करता किसी की,
मैं चोरी नहीं करता किसी की,
Dr. Man Mohan Krishna
समाप्त हो गई परीक्षा
समाप्त हो गई परीक्षा
Vansh Agarwal
नश्वर है मनुज फिर
नश्वर है मनुज फिर
Abhishek Kumar
"चार पैरों वाला मेरा यार"
Lohit Tamta
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सुंदरता हर चीज में होती है बस देखने वाले की नजर अच्छी होनी च
सुंदरता हर चीज में होती है बस देखने वाले की नजर अच्छी होनी च
Neerja Sharma
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
gurudeenverma198
सांझा चूल्हा4
सांझा चूल्हा4
umesh mehra
नकारात्मकता फैलानी हो तो
नकारात्मकता फैलानी हो तो
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...