Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2022 · 1 min read

एकलव्य-सा

एकलव्य-सा

विद्यालय में प्राचार्य ने वार्षिक परीक्षा का परिणाम सुनाया। एक-एक करके सभी कक्षाओं का परिणाम सुनाया।
साधारण छात्र पास या फेल का परिणाम सुनकर उत्साहित या उदास हो गए।
कुशाग्र बुद्धि छात्र प्राप्तांक और कक्षा में कौन प्रथम रहा, कौन द्वितीय स्थान पर, यह जानने के लिए अधीर थे।
प्राचार्य ने सभी कक्षाओं में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के नाम की घोषणा की। उनके प्राप्तांक भी बताए।
प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के नाम सुनकर सोमवीर आवाक रह गया।
क्योंकि उसकी नौंवी कक्षा में प्रथम तानिया और द्वितीय सोमवीर बताया गया।
रोते-रोते सोमवीर कहने लगा, हमारी कक्षा में तो तानिया नाम की कोई छात्रा है ही नहीं।
पास बैठे अजय ने सोमवीर को बताया कि तानिया प्रिंसीपल सर की लड़की है।
जो पढ़ती तो प्राइवेट स्कूल में है। नाम अपने स्कूल में चल रहा था।
सोमवीर को लगा परिणाम सुनाने वाला प्राचार्य ही कुख्यात द्रौण है। खुद उसे एकलव्य सा प्रतीत हुआ।

-विनोद सिल्ला

Language: Hindi
2 Likes · 257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🙏आप सभी को सपरिवार
🙏आप सभी को सपरिवार
Neelam Sharma
शराबी
शराबी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
डी. के. निवातिया
🙅ओनली पूछिंग🙅
🙅ओनली पूछिंग🙅
*Author प्रणय प्रभात*
हर किसी के पास एक जैसी ज़िंदगी की घड़ी है, फिर एक तो आराम से
हर किसी के पास एक जैसी ज़िंदगी की घड़ी है, फिर एक तो आराम से
पूर्वार्थ
हर दिन एक नई शुरुआत हैं।
हर दिन एक नई शुरुआत हैं।
Sangeeta Beniwal
प्रकृति का बलात्कार
प्रकृति का बलात्कार
Atul "Krishn"
* चलते रहो *
* चलते रहो *
surenderpal vaidya
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ਦਿਲ  ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ  ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
ਦਿਲ ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
Surinder blackpen
मुश्किलें
मुश्किलें
Sonam Puneet Dubey
कुछ लोग तुम्हारे हैं यहाँ और कुछ लोग हमारे हैं /लवकुश यादव
कुछ लोग तुम्हारे हैं यहाँ और कुछ लोग हमारे हैं /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
लाड बिगाड़े लाडला ,
लाड बिगाड़े लाडला ,
sushil sarna
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अनेक मौसम
अनेक मौसम
Seema gupta,Alwar
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
शेखर सिंह
क्या वैसी हो सच में तुम
क्या वैसी हो सच में तुम
gurudeenverma198
जीवन की यह झंझावातें
जीवन की यह झंझावातें
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
जिसकी जिससे है छनती,
जिसकी जिससे है छनती,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अलविदा ज़िंदगी से
अलविदा ज़िंदगी से
Dr fauzia Naseem shad
दौलत
दौलत
Neeraj Agarwal
सौंदर्य मां वसुधा की🙏
सौंदर्य मां वसुधा की🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जां से गए।
जां से गए।
Taj Mohammad
थक गई हूं
थक गई हूं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
!! बच्चों की होली !!
!! बच्चों की होली !!
Chunnu Lal Gupta
I met Myself!
I met Myself!
कविता झा ‘गीत’
💐प्रेम कौतुक-495💐
💐प्रेम कौतुक-495💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मै हिन्दी का शब्द हूं, तू गणित का सवाल प्रिये.
मै हिन्दी का शब्द हूं, तू गणित का सवाल प्रिये.
Vishal babu (vishu)
जिन्दगी में
जिन्दगी में
लक्ष्मी सिंह
*डायरी के कुछ प्रष्ठ (कहानी)*
*डायरी के कुछ प्रष्ठ (कहानी)*
Ravi Prakash
Loading...