एकता
शीर्षक : कौमी एकता
एक एकता होती सबमें
कुछ नया कर दिखाने की
एक एकता टीम की होती
उसको जीत दिलाने की
एक एकता जाती की होती
उसको सर्वोच्च बनाने की
एक एकता जन की होती
अपना देश बचाने की
कौमी एकता है सुंदर पर
साथ रहे जो देश के
नहीं सही है वो एकता
जो खिलाफ रहे देश के
एकता है गहना एक उज्वल भविष्य बनाने की
एकता अच्छी नहीं किसी को नीचा दिखाने की
कौमी एकता होती सुंदर यदि देश प्रेम की बात करे
देश प्रेम है सर्वोपरि सभी उसके लिए ही साथ चलें
एकता है शान सारे समाज की
एकता में रहना बहुत जरूरी है
एक से एक ग्यारह होते हैं कारगर
पर उनमें एक भाव होना जरूरी है
✍? पंडित शैलेन्द्र शुक्ला
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