एकता में शक्ति
एक दिन एक लड़का घूमने जा रहा था तो रास्ते में उसे दो लड़के लड़ते हुए दिखाई दिए। वह लड़का उन दोनों के पास गया दो-दो थप्पड़ लगाया। दोनों लड़के क्रोधित हो गए और उस लड़के को मारने के लिए उसका हाथ पकड़ लिये तो
उस लड़के ने कहा ! तुम दोनों मुझे जितना चाहो मारो किन्तु कुछ देर सोचो कि तुम दोनों आपस मे लड़कर दुश्मनी का बीज बो रहे थे किन्तु मैंने तुमको मारा तो तुम दोनों एक हो गए और अब हम एक-दूसरे के दुश्मन हो जाएंगे।
परन्तु जिस प्रकार मुझे मारने के लिए एक हुए वैसे तुम दोनों जीवनभर एकजुट होकर रहना,कोई तुम्हारा कुछ नही बिगाड़ सकता क्योंकि एकता में शक्ति होती है। इस बात को सुनकर वे दोनों लड़के बहुत खुश हुए और उस लड़के से दोस्ती कर लिया।
मित्रों इससे हमें प्रेरणा मिलती है कि हम ईर्ष्या-द्वेष को भुलाकर एक रहें और मानवता का बीज बोएँ।
–सुनील कुमार