*ऋषि नहीं वैज्ञानिक*
वो ऋषि नहीं वैज्ञानिक थे
जो ज्ञान के वृक्ष उगा गए
धरती, जल, वायु,आकाश
सबका संबंध बता गए
वो ऋषि नहीं…
नई नहीं है, बात पुरानी
हम जो अब बतलाते हैं
अनदेखी रेखा से जुड़ कर
सप्तऋषि बन जाते हैं
वो ऋषि नहीं …
गौरव है इतिहास हमारा
वेद हमें बतलाते हैं।
नामित हो तारामंडल में
अमरत्व ऋषि सब पाते हैं।
वो ऋषि नहीं…
नदियाँ, वन , तालाब-तलैया
पूज-पूज कर साफ़ रखे
धर्म आवरण के भीतर
वैज्ञानिक सोच भी साफ़ दिखे
वो ऋषि नहीं…
चमत्कारी थी शल्य-चिकित्सा
आण्विक-शक्ति जानते थे
जो आज तलक है छुपा हुआ
वो सदियों से पहचानते थे
वो ऋषि नहीं…
जीव-विज्ञान या गणित-भौतिकी
सब मंत्रों में बाँध दिया
बीस सहस्त्राधिक मंत्रों से
वेदों का निर्माण किया
वो ऋषि नहीं..
विमान-शास्त्र के ज्ञाता वो
मिश्रित-धातु का ज्ञान दिया
शोध-प्रवृत्ति के थे पोषक
जिसका हमने त्याग किया
वो ऋषि नहीं…
हाथ जोड़ कर अब है विनती
फिर से सींचे हम जड़ को
अनुसरण हम करें उन्हीं का
देश, जगत, अपने हित को
वो ऋषि नहीं…