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6 Feb 2024 · 1 min read

ऋतु शरद

बसंत बीता और गर्मी आई
वर्षा ने फिर धूम मचाई
चक्र ऋतु का बढ़ते बढ़ते
अब शरद की है बारी आई

अश्विन-कार्तिक मास समेटे
त्यौहार की बांह लपेटे
देवी की नौ रात अराधना या
दशहरा – दिवाली की जोत कामना

खरीफ फसल पककर तैयार
मक्का ,धान , बाजरा की बहार
गेंहू, चना , सरसों की कर बीज बुवाई
किसान करने चला रबी फसल तैयार

देर से आए, जल्दी भागे
सूरज भी सर्दी से कांपे
रंग बिरंगे स्वेटर, जैकट
इंसान के शरीर को ढ़ापे

ठंड का पारा बढ़ते बढ़ते
शरद ऋतु जब करे गुड बाय
नवरंगो की लपेट चादर
हेमंत , शिशिर की बारी आए

संदीप पांडे”शिष्य” अजमेर

Language: Hindi
3 Likes · 148 Views
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