“ऋतुराज बसंत”
रंग बिरंगे फूल खिले हैं, बसंत सुहावन आया है
फूल फूल और हर कली पर ,देखो जीवन मुस्काया है।
शीतल मंद सुगंध बयार ने, भी मौसम महकाया है
तरह-तरह के फूल पुष्प में ,देखो यौवन छाया है ।
हरी-भरी फसलों में देखा, पीला रंग खूब छाया है
देख प्रकृति का सुंदर रंग ,मेरा मन हरसाया आया है।
कोयल बोले डाली डाली ,बादल ने जल बरसाया है
मोर पपीहा झूम उठे ,धरती में दुल्हन रूप छाया है।।