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18 Mar 2024 · 1 min read

ऋतुओं का राजा आया

पतझड़ का मौसम

पतझड़ का मौसम आया,
वृक्षों ने ली अंगड़ाई.
अब मौसम हुआ सुहाना,
सूरज में गर्मी आयी.

लगी पत्तों की अब ढेरी,
करती भू से अठखेली.
बासंती मौसम छाया,
बागों ने खो तन्हाई.
पतझड़ का मौसम आया,
वृक्षों ने ली अंगड़ाई.

होली जब लगी दहकने,
झुरमुट सब लगे बहकने,
ऋतुओं का राजा आया,
घर घर गूंजी शहनाई.

पतझड़ का मौसम आया,
वृक्षों ने ली अंगड़ाई.
अब मौसम हुआ सुहाना,
सूरज में गर्मी आयी.

सर धानी चूनर ओढ़े.
स्वर्णिम सी बाली मोहे.

होली ने भंग मिलाया.
अमराई है बौराई

पतझड़ का मौसम आया.
वृक्षों ने ली अंगड़ाई

डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
8/219, विकास नगर, लखनऊ
226022
मोब 945002256

पतझड़ का मौसम

पतझड़ का मौसम आया,
वृक्षों ने ली अंगड़ाई.
अब मौसम हुआ सुहाना,
सूरज में गर्मी आयी.

लगी पत्तों की अब ढेरी,
करती भू से अठखेली.
बासंती मौसम छाया,
बागों ने खो तन्हाई.
पतझड़ का मौसम आया,
वृक्षों ने ली अंगड़ाई.

होली जब लगी दहकने,
झुरमुट सब लगे बहकने,
ऋतुओं का राजा आया,
घर घर गूंजी शहनाई.

पतझड़ का मौसम आया,
वृक्षों ने ली अंगड़ाई.
अब मौसम हुआ सुहाना,
सूरज में गर्मी आयी.

सर धानी चूनर ओढ़े.
स्वर्णिम सी बाली मोहे.
होली ने भंग मिलाया.
अमराई है बौराई

पतझड़ का मौसम आया,
वृक्षों ने ली अंगड़ाई.
अब मौसम हुआ सुहाना,
सूरज में गर्मी आयी.
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
8/219, विकास नगर, लखनऊ
226022
मोब 9450022526

Language: Hindi
Tag: गीत
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Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
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