ऊब
जब भी दुनियाँ से् ऊब जाता हूँ।
तेरी आँखों में ……डूब जाता हूँ।
भूलकर दर्द जिन्दगी के सनम,
खुल के हँसता हूँ मुस्कुराता हूँ।
….. ✍ सत्य कुमार ‘प्रेमी’
जब भी दुनियाँ से् ऊब जाता हूँ।
तेरी आँखों में ……डूब जाता हूँ।
भूलकर दर्द जिन्दगी के सनम,
खुल के हँसता हूँ मुस्कुराता हूँ।
….. ✍ सत्य कुमार ‘प्रेमी’