“ऊपरवाले के हाथो में सिर्फ बरसात नहीं है”
मन की बात हर कोई पढ़ नहीं सकता,
क्योंकि ये कोई किताब नहीं है।
गमों का समय भी गुजरेगा,
क्योंकि हमेशा के लिए तेरा मेहमान नहीं है।
वक़्त बदल देता है हर आलम और हालात,
क्योंकि ये कोई रिश्तेदार नहीं है।
जिले अपनी ज़िन्दगी गमों के साथ,
क्योंकि ये हर किसी का इम्तहान नहीं है।
तेरी निराशा भी आशा में बदलेगी,
क्योंकि ये खाली गमों की सरकार नहीं है।
जियेगा अपनी ज़िन्दगी की उड़ान तू भी,
क्योंकि तू किसी का पहरेदार नहीं है।
खुशियां कभी तो आयेगी तेरी झोली में,
क्योंकि ऊपरवाले के हाथो में सिर्फ बरसात नहीं है।