ऊँबाऊ मौसम
ऊँबाऊ मौसम है
काया थकी थकी
भूख भी कम है
गर्मीं की पड़ी मार
तापमान बढ़ रहा
सबको झुलसा रहा
स्वेद देह पर बहता
वाकई है बुरा हाल
सूर्य भी तेज बढ़ाता
पर्थिक छांव चाहता
सूख रहा है हलक
पीना चाह रहा जल ।
ऊँबाऊ मौसम है
काया थकी थकी
भूख भी कम है
गर्मीं की पड़ी मार
तापमान बढ़ रहा
सबको झुलसा रहा
स्वेद देह पर बहता
वाकई है बुरा हाल
सूर्य भी तेज बढ़ाता
पर्थिक छांव चाहता
सूख रहा है हलक
पीना चाह रहा जल ।