उड़ान
इम्तहान से पहले इम्तहाँ के बाद,
होती है सुबह जैसे शाम के बाद,
ठहरता कहाँ परिंदा आसमान में,
आता रहा ज़मीं पे उड़ान के बाद,
इम्तहान से पहले इम्तहाँ के बाद,
होती है सुबह जैसे शाम के बाद,
ठहरता कहाँ परिंदा आसमान में,
आता रहा ज़मीं पे उड़ान के बाद,