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8 Oct 2021 · 1 min read

उड़ना, रचना

उड़ना

टूटे हुए पंख और उड़ने का काम।
मारकर पत्थर
गिराया है खगों को
इसीलिए उसने तमाम।
———————-
रचना

न हो नैसर्गिक संभोग का सौन्दर्य
पर‚ सौन्दर्य को प्रदत्त औदार्य।
सृष्टि के अस्तित्व के लिए
किया गया हर विध्वंस
है रचना का मौलिक अंश।
————————–

Language: Hindi
158 Views
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