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9 Jun 2024 · 1 min read

उस दर पे कदम मत रखना

जहाँ नहीं मिलता है प्यार तुम्हें।
जहाँ नहीं मिलता सम्मान तुम्हें।।
उस दर पे कदम मत रखना।
उस घर में कदम मत रखना।।
जो नहीं दे सकते तुमको खुशी।
जज्बात तेरे जो समझे नहीं।।
उस दर पे कदम———————।।

तुझमें नहीं है कुछ भी कमी।
क्यों उनकी गुलामी करता है।।
चंद रुपयों के खातिर क्यों।
हस्ती की नीलामी करता है।।
जहाँ तेरी कदर नहीं है कुछ भी।
जहाँ तेरी खबर नहीं है कुछ भी।।
उस दर पे कदम———————।।

गर तू हो अकेला जीवन में।
जीवन से निराश होना नहीं।।
मिलेगी तुम्हें भी मंजिल तेरी।
हिम्मत तू सफर में खोना नहीं।।
जहाँ तेरे लिए दुहा नहीं करते।
जहाँ तारीफ तेरी कुछ होती नहीं।।
उस दर पे कदम——————-।।

अपना लहू उनके लिए मत बहा।
नहीं है मानवता जिन दिलों में।।
अपनी खुशी उनको नहीं लुटा।
जो रहते हैं शीशों के महलों में।।
जहाँ दर्द तेरा कोई समझे नहीं।
जहाँ तुमको सीने से लगाये नहीं।।
उस दर पे कदम———————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 24 Views
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